विश्वास बूस्टर :
जब परमेश्वर बोलता है [१३ नवंबर , २०२० ]
विश्वास का वचन:
उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा l यशायाह 55:11
पढ़ें: यशायाह 55.10-13
एक बाइबल अनुवादक, लिली, अपने घर जाने के लिए अपने देश की ओर उड़ान भरी जब उसे हवाई अड्डे पर रोक लिया गया l उसके मोबाइल फोन की तलाशी ली गई, और जब अधिकारियों को इसमें नए नियम की एक ऑडियो/श्रव्य कॉपी मिली, तो उन्होंने फोन को जब्त कर लिया और उससे दो घंटे तक पूछताछ की । एक बिंदु पर उन्होंने उसे बाइबल ऐप चलाने के लिए कहा, जो मत्ती 7: 1–2 पर सेट था : “दोष मत लगाओ कि तुम पर भी दोष न लगाया जाए l क्योंकि जिस प्रकार तुम दोष लगाते हो, उसी प्रकार तुम पर भी दोष लगाया जाएगा l” इन शब्दों को अपनी भाषा में सुनकर, अधिकारियों में से एक पीला पड़ गया । बाद में, उसे छोड़ दिया गया और आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई ।
हमें नहीं पता है कि हवाई अड्डे पर उस अधिकारी के दिल में क्या हुआ, लेकिन हम जानते हैं कि “परमेश्वर के मुंह से” जो शब्द निकलता है, वह उसकी इच्छा पूरी करता है जो वह चाहता है (यशायाह 55:11) । यशायाह ने निर्वासन में परमेश्वर के लोगों के लिए आशा के इन शब्दों की नबूवत की, यह अनुमान लगाते हुए कि जैसे बारिश और बर्फ पृथ्वी को अंकुरित करती और बढाती हैं, उसी प्रकार वह उन्हें आश्वस्त करता है कि जो “उसके मुख से निकलता है” वह उसके उद्देश्यों को पूरा करता है (पद.10-11) l
हम इस परिच्छेद को परमेश्वर में अपना भरोसा संभालने के लिए पढ़ सकते हैं l जब हम हवाई अधिकारियों के साथ लिली जैसी विषम परिस्थितियों का सामना कर रहे होते हैं, तो हम भरोसा करें कि परमेश्वर कार्य कर रहा है – तब भी जब हम अंतिम परिणाम नहीं देखते हैं ।
सोचने के लिए प्रश्न:
विश्वास की प्रार्थना:
स्वर्गिक पिता, आपने जो भी प्रगट किया है, उसके लिए धन्यवाद, जो मुझे आशा, शांति और प्यार देता है । आप के लिए अपने प्यार में बढ़ने में मेरी मदद करें ।
Thanks Pastor aajke faith booster ke liye.आपकि दिया गया faith booster हमारे रोजकार जीवन कि उतार चढ़ाव में बहुत फलदायक होती है। बहुत कुछ शिक्षा मिलती है जो हम अपने जीवन में उपयोग करके प्रभु में बढ़ते जाते हैं। thanks again Pastor.
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